सरकारी कर्मचारियों को गेहूं देना पड़ सकता है राशन डीलर को भारी, गेहूं देने पर सस्पेंड होगा राशन डीलर
जोधपुर- गरीबों के हक का गेहूं सरकारी कर्मचारियों को देना अब राशन डीलर्स को भारी पड़ सकता है। सरकारी कर्मचारियों को राशन का गेहूं देने पर अब राशन डीलर का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा साथ ही मामला गंभीर हुआ तो उसका लाइसेंस निरस्त भी किया जा सकता है
सरकारी कर्मचारियों ने मारा गरीबो का हक
- दरअसल राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना मैं चयनित लाभार्थियों को दो रुपए किलो गेंहू सरकार की ओर से दिया जा रहा है। लेकिन पिछले कुछ सालों से सरकारी कर्मचारियों ने गरीबो के हक का गेंहू एनएफएसए में फर्जी रजिस्टर्ड करवाकर गेंहू उठा रहे थे। जोधपुर जिले में ढाई हजार कर्मचारियों ने गरीबों के हक का गेहूं डकार गए मात्र ₹2 किलो के हिसाब से सरकारी कर्मचारी गरीबों के हक का गेहूं उठाते रहे
जांच हुई तो सरकारी कर्मचारियों से सुरु हुई वसूली
- इस बीच खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति की ओर से जांच में प्रदेश में 82000 कर्मचारी कैसे निकले जो गरीबों के हक का गेहूं योजना में फर्जी रजिस्ट्रेशन करा कर उठा रहे थे । अकेले जोधपुर में ही 2500 कर्मचारियों ने राशन का गेहूं उठा लिया। इस बीच 2500 कर्मचारियों से वसूली शुरू हो चुकी है अब तक 17 सौ कर्मचारियों से 1.90 करोड़ रुपए वसूल की जा चुके हैं। बाकी कर्मचारियों को 31 दिसंबर तक ₹27 प्रति किलो के हिसाब से पैसे जमा कराने के आदेश जारी किए जा चुके हैं
कर्मचारियों पर कानूनी कार्यवाही की भी तलवार
- गरीबों के हक का गेहूं उठाने वाले कर्मचारियों से वसूली तो हो ही रही है । साथ ही उन पर कानूनी कार्रवाई की तलवार भी लटक रही है । विभाग ने जांच के बाद जारी नोटिस में फर्जी तरीके से गेहूं उठाने वालों पर वसूली के साथ कानूनी कार्रवाई की भी अनुशंसा की है
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