"एक उड़ान जो लौटकर नहीं आई: AI171 हादसे ने पूरे देश को रुला दिया"

 "एक उड़ान जो लौटकर नहीं आई: AI171 हादसे ने पूरे देश को रुला दिया"

आज का दिन भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए एक भारी मातम लेकर आया। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 एक ऐसी त्रासदी का शिकार हो गई, जिसने 242 मासूम जिंदगियों को लील लिया। वो लोग जो अपने सपनों को उड़ान देने निकले थे, एक ऐसी आग की चपेट में आ गए जिसकी लपटों ने न सिर्फ शरीर को जलाया, बल्कि पूरे देश की आत्मा को झकझोर कर रख दिया।


टेलीविज़न स्क्रीन पर आती तस्वीरें, जलती हुई चिताएं, और शोक में डूबे परिजन—इन सबने देश की आंखें नम कर दीं। कहीं मां की चीखें थीं, कहीं बच्चों का बिलखना, और कहीं वो पिता जो अपनी लाड़ली को एयरपोर्ट छोड़कर लौटा था… बिना यह सोचे कि वह बेटी आखिरी बार उसकी आंखों के सामने मुस्कुरा रही है।


राजस्थान की एक होनहार बेटी, जिसने हाल ही में अपने नए जीवन की शुरुआत की थी, उस फ्लाइट में थी। उसके पिता ने अहमदाबाद एयरपोर्ट तक छोड़ा था।पिता ने बेटी का एयरपोर्ट के अंदर जाते हुए जो आखिरी वीडियो अपने दामाद को भेजा, वो अब एक स्मृति बन चुका है—एक दर्दनाक आखिरी दस्तक। कौन जानता था कि वो मुस्कान, वो हाथ हिलाना, उस घर की दहलीज से विदा लेना, हमेशा के लिए बिछड़ने की भूमिका बन जाएगा।


प्रधानमंत्री से लेकर हर आम नागरिक ने सोशल मीडिया और सार्वजनिक बयानों के ज़रिए अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की हैं। लेकिन शोक और संवेदनाएं काफी नहीं होतीं। देश की जिम्मेदारी है कि वह इस हादसे की गहराई से जांच करे—क्या तकनीकी लापरवाही थी? क्या सुरक्षा में चूक हुई? क्या कोई चुप्पी इस त्रासदी की वजह बनी?


जवाब ज़रूरी हैं, ताकि भविष्य में कोई और पिता अपनी बेटी को हंसते हुए छोड़ने न जाए और लौटते वक्त हाथ में उसकी राख हो। ताकि किसी और परिवार की उम्मीदें इस तरह धुएं में न बदलें।


AI171 की उड़ान अब इतिहास बन चुकी है—एक ऐसा इतिहास, जो हमेशा हमारे दिलों में दर्द बनकर ज़िंदा रहेगा।


ईश्वर मृत आत्माओं को शांति दे और उनके परिवारों को यह असहनीय पीड़ा सहने की शक्ति।

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